हमने तो एक शख्स पर चाहत खत्म करदी.
अब मोहब्बत किसे कहते हैं हमें मालूम नहीं.
रह रह के आपकी याद आती रही,
समझ न आने की वजह सताती रही,
सोचते रहे जरुर कोई गम है,
या अब आपके दिल में हमारे लिए जगह कम है..
ईद का चांद मुश्किल से दिखता है।
लैला को मजनू मुश्किल से मिला है।
हम तो एसएमएस भेजते रहते हैं पर
आजकल आपका एसएमएस मुश्किल से मिलता है..
मौसम की नज़ाकत है
हसरतों ने पुकारा है
कैसे कहें के कितने मिस करते हैं
ये ऐप उसी याद का एक इशारा है।
आप की खराब-दुआ भी दुआ बन के लगी,
आपके हर गम ने भी आराम दिया,
हम जिंदा है तो ये जान कर के प्यार से सही पर,
आपने हमें याद तो किया..
रब करे जिंदगी में ऐसा मुकाम आए,
मेरी रूह और जान आपके काम आए,
हर दुआ में बस यही मांगते हैं रब से,
की अगले जन्म में भी आपके नाम के साथ मेरा नाम आए..
वो नादान है बातें समझते नहीं,
ये दिन ये रातें समझौता नहीं,
मैं पास भी जौन तो डर जाते हैं,
मैं दर्द नहीं दावा हूं समझौता नहीं..
आरजू झूठ है,
आरजू का फरेब खाना नहीं..
खुश जो रहना हो जिंदगी में तुम्हारे..
दिल कभी किसी से लगाना नहीं।
मेरी हर नज़र में बसी है तू,
मेरी हर कलाम पे लिखी है तू,
तुझे सोच लूं तो ग़ज़ल मेरी,
ना लिख शकुन तो वो ख्याल है तू..
हर लम्हा यूं कल को तलाश रहा है ये दिल,
गुजरी यादों को फिर से जीना चाह रहा है ये दिल,
कोई मुझसे भी पुछ ले क्यूं खामोश है मेरी आंखें,
मेरी जिंदगी को फिर से मांग रहा है ये दिल।
वो नादान है बातें समझते नहीं,
ये दिन ये रातें समझौता नहीं,
मैं पास भी जौन तो डर जाते हैं,
मैं दर्द नहीं दावा हूं समझौता नहीं..
दिल से रोए मगर होंतो से मुसकुरा बेथे,
यूं ही हम किसी से वफ़ा निभा बेथे,
वो हम एक लम्हा ना दे पाए अपने प्यार का,
और हम उनके लिए अपनी जिंदगी गावा बेथे।
बहुत चाहा उसे हम पा ना सके,
ख्यालों में किसी और को ला ना सके।
उसे देख के आंसू तो पोंछ लिए,
लेकिन किसी और को देख के मुस्कान ना खातिर।
जब याद तुम्हारी आती है,
दिल ख़ून के अंशु रोटा है,
ये दर्द देनेवाला क्या जाने,
दिल का दर्द कैसा होता है।
दूरियां बहुत है पर इतना स्मज लो,
पास रहकर ही कोई रिश्ता खास नहीं होता,
तुम दिल के पास इतने हो की,
दूरियों का एहसास नहीं होता।
जिस दिन से जुड़ा वो हम हुए,
क्या दिल ने धड़कना छोर दिया,
है चांद का मुंह भी उतरा उतरा,
तारों ने चमकना छोर दिया।
वो चलते चलते इतने दूर चले गए,
हमें रखना भी ना आया।
हमने उनका नाम लिया फिर भी,
शायद उन्हीं सुन्ना न आया।
कुछ मत पूछ तुझसे प्यार कितना करता हूं,
हर रात तेरी याद में आखिरी बार करता हूं,
तुम बेवफा थी जो प्यार से दमन बच्चा बैठा,
मैं बेवफा हूं इसलिय तुझे प्यार करता हूं
तेरी मेरी बने तो बने कैसे..
तुझे निभाना नहीं आटा,
मुझे भुलाना नहीं आता....!
मत किया कर ए दिल, किसी से मोहब्बत इतनी,
जो लोग बात नहीं करते, वो प्यार क्या करेंगे..!
हमने तो एक सख परी
चाहत खतम करदी,
अब मोहब्बत किसे कहते हैं
हमन मालुम नहीं..!
जिन्की याद में हम दीवाने हो गए,
वो हम ही से बेगाने हो गए।
शायद उन्हे तलाश है अब नए दोस्त की,
क्यों उनकी नज़र में अब हम पुराने हो गए...!
दुआ मांगी थी आशियाने की,
चल पड़ी आंधिया जमाने की,
मेरा दर्द कोई नहीं समाज पाया,
क्यों मेरी आदत थी मुस्कान की...!
सब से ज्यादा दर्द तब होता है,
जब बिना किसी गलत के लोग,
हमें गलत समझ लेते हैं,
और साथ छोड़ देते हैं...!
मेरी हर नज़र में बसी है तू,
मेरी हर कलाम पे लिखी है तू,
तुझे सोच लूं तो ग़ज़ल मेरी,
ना लिख शकुन तो वो ख्याल है तू..!
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